🌹RENESHA IAS🌹 BY..... ✍️ RAVI KUMAR... (IAS JPSC UPPSC INTERVIEW FACED) 🌹 झारखंड में सिंचाई के साधन 🌹 झारखंड में अगर कृषि योग्य भूमि की बात की जाए तो यह लगभग 30 लाख हेक्टेयर है.... लेकिन इनमें से कृषि होता है सिर्फ 18.5 हेक्टेयर पर.... और इसमें भी सिंचाई की व्यवस्था मात्र 2 लाख हेक्टर पर है.... यानी कि 9% से भी कम. झारखंड में का 81.7 % सतही जल है जबकि 17.3% भूमिगत जल है... यानि कि भूमिगत जल का योगदान झारखंड में अत्यधिक कम है... झारखंड के सिंचाई व्यवस्था की बात की जाए तो.... लगभग 58 % सिंचाई सतही जल से और 42% से सिंचाई भूमिगत जल से होते हैं.... झारखंड में वृहद, मध्यम और लघु सिंचाई योजनाओं का विकास हुआ है.. 1) वृहद सिंचाई योजनाएं उन योजनाओं को कहा जाता है जिसके द्वारा 10000 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि पर सिंचाई संभव होते हैं. 2) मध्यम सिंचाई योजना उन सिंचाई योजनाओं को कहा जाता है जिसके द्वारा 2000 से 10000 हेक्टेयर कृषि भूमि पर सिंचाई की व्यवस्था हो सकते हैं. 3) लघु सिंचाई योजनाओं सिंचाई योजनाओं को कहा जाता है जिसके माध्यम से 2000 हेक्टेयर से कम कृषि भूमि की सिंच...
🌹 RENESHA IAS 🌹 🌹 मुंडा शासन व्यवस्था 🌹 By.... रवि कुमार JPSC SECOND PAPER TOPIC 1 पहली बात जो आपको यह ध्यान रखना है कि सिलेबस में सिर्फ मुंडा शासन व्यवस्था के बारे में पढ़ना है न कि मुंडा जनजाति के बारे में...... अधिकांश युटुब चैनल में जो वीडियो आपको मिलेंगे... उसमें प्रशासन व्यवस्था के बारे में कम बताई जाती है और मुंडा जनजाति के बारे में अधिक.... मुंडा जनजाति के बारे में हम अलग से अध्ययन करेंगे. ... माना जाता है कि मुंडा का आगमन झारखंड के छोटानागपुर क्षेत्र में रिसा मुंडा के नेतृत्व में हुआ. रिसा मुंडा के साथ करीब में 21000 मुंडा थे. जब इन का आगमन यहां हुआ तो यह पूरा क्षेत्र जंगली था. मुंडाओं को बसने के लिए और खेती करने के लिए खाली जमीन की जरूरत थी. इसके लिए स्वाभाविक था कि जंगल इस सफाई जितनी जल्दी हो सके, संपन्न करना. .... मुंडाओ के कुछ समूहों के द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में जंगल सफाई का कार्य शुरू हुआ. यह सभी क्षेत्र खूंटकट्टी कहलाए. क्योंकि मुंडा परिवार या मुंडा समूह को खुद की संज्ञा दी जाती थी. ...... धीरे-धीरे कई खूं...
🌹 RENESHA IAS🌹 ARTICLE BY RAVI SIR (DIRECTOR RENESHA IAS) 9661163344... IAS JPSC DEAR CANDIDATES "22 जून 2024 से 24 जून 2024 तक 11TH JPSC मुख्य परीक्षा" का आयोजन किया जा रहा है. अत्यधिक मेहनत के बाद आप लोगों ने प्रारंभिक परीक्षा को क्लियर किया. प्रारंभिक परीक्षा स्क्रीनिंग टेस्ट होता है. उसके बाद मुख्य परीक्षा के मार्क्स आपके मेरिट लिस्ट के निर्धारक होते हैं. इस प्रकार कहा जा सकता है कि सिविल सेवा परीक्षा में मुख्य परीक्षा एक अत्यंत महत्वपूर्ण चरण है. हजारों की संख्या में प्रारंभिक परीक्षा में अभ्यर्थी जरुर सफल हो जाते हैं लेकिन अगर वास्तव में देखा जाए तो इनमें से 15-20% candidates की ही तैयारी मुख्य परीक्षा के अनुसार रहती है. दूसरे शब्दों में मुख्य परीक्षा में अगर आपकी तैयारी ठीक है तो निश्चित रूप से के सिविल सेवा के फाइनल लिस्ट में अपना नाम देख सकते हैं. जो पढ़ना था आप लोगों ने पढ़ लिया अब जरूरी है कि ऐसी रणनीति बनाई जाए जो... समान तैयारी में भी ...
Comments