भारत पर ड्रोन हमला.. THE HINDU EDITORIAL हिंदी में

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BY..... ✍️ RAVI KUMAR... (IAS JPSC UPPSC INTERVIEW FACED)


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🌹🌹 मेरे द्वारा हिंदू के संपादकीय में उन सभी आर्टिकल्स की सरल तरीके से आपके समझ पहुंचाई जा रही है जो आपकी परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है.... इसके साथ साथ में प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के डिस्ट्रिक्ट कौन से अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्नों पर उपलब्ध करा रहा हूं....आर्टिकल्स ब्लॉक पर परमानेंटली उपलब्ध रहेंगे... आप लोग लाभ उठाएं...
✍️ RAVI KUMAR 🌹🌹

HINDU EDITORIAL




2 July 2021

27 जून, 28 को जम्मू में भारतीय वायुसेना अड्डे पर ड्रोन के माध्यम से आतंकवादी हमला करने का प्रयास किया गया हालांकि इस प्रयास में किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई है.

लेकिन आतंकवादियों के इस प्रयास के कारण.. भारत सहित विश्व पटल पर कई तरह की चिंताएं उभरे हैं

1) भविष्य के आतंकवाद का स्वरूप भयावह हो सकता है.

2) युद्ध और आतंकवाद में मानवरहित विमानों के प्रयोग अथवा रोबोट के प्रयोग बहुत समय जान माल की अत्यधिक हानि कर सकते हैं.

ऐसे हमलों की आशंका  विशेष रूप से ऐसे गुटों और समूहों के द्वारा हो सकती है... जिन पर किसी भी राज्य का नियंत्रण अच्छी तरह से स्थापित नहीं है.... या फिर जिस राज्य में हुए सक्रिय हैं वहां के सरकार कमजोर हैं.
     ऐसे गुट या समूह अपने किसी छद्म विचारधारा को स्थापित करने के लिए लगातार गलत तरीकों का इस्तेमाल करते रहे हैं....

निश्चित रूप से यह व्यवहारिक और नैतिक नहीं है परंतु ऐसे आतंकवादी और उग्रवादी गुट किसी नैतिकता और व्यवहारिकता से बंधे हुए नहीं होते.

उदाहरण के लिए

1) 2018 में सीरिया के विद्रोहियों ने सीरिया में रुसी सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए स्वदेश निर्मित ड्रोन का उपयोग किया था.

2) 2018 में ही वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस माडुरो भी एक ड्रोन के हमले से बाल-बाल बचे थे.

3) 2019 में सऊदी अरब के तेल प्रतिष्ठानों पर भी इसी तरीके से हुति विद्रोहियों के द्वारा हमले किए गए थे.

ड्रोन कहीं ना कहीं इस तरह के हथियारों का प्रारंभिक रूप है इसका विकसित रूप और अधिक खतरनाक सिद्ध हो सकता है. विकसित प्रौद्योगिकियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इन समूहों तक पहुंच स्थिति को और घातक बना सकता है. ड्रोन अत्यंत नीचे उड़ते हैं जिसके कारण यह रडार के पकड़ में भी नहीं आते.

खतरनाक उपकरणों और हथियारों के निर्माण में प्रयुक्त होने वाले प्रौद्योगिकी के लिए वासेनार व्यवस्था और मिसाइल ट्रीटी कंट्रोल रिजाइम... इत्यादि की संध्या वैश्विक समुदाय के द्वारा की गई हैं. लेकिन ड्रोन जैसे उपकरणों को बनाने के लिए बहुत अधिक विकसित टेक्नोलॉजी की जरूरत नहीं होती ऐसे बड़ी-बड़ी व्यवस्थाएं भी बेकार सिद्ध होंगे.

इसके लिए वैश्विक स्तर पर भारत एवं अन्य कई देशों के मांग के अनुरूप कड़े कानून आक्रमक निगरानी व्यवस्था कठोर पुलिस व्यवस्था और आतंकवादी समूहों को समर्थन करने वाले देशों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के प्रावधान करने की मांग पूरी करनी होगी.

भारत पाकिस्तानी आतंकवाद का लंबे समय से शिकार रहा है. यहां तक कि भारत के संसद पर वर्ष 2001 में आतंकवादियों के द्वारा आक्रमण कर दिए गए थे.

     जहां तक भारत के जम्मू एयर बेस पर ड्रोन से हमले की बात है तो भारतीय अधिकारी के द्वारा संदेश व्यक्त किया गया है कि पाकिस्तान कि लश्कर-ए-तैयबा नामक आतंकवादी समूह का हाथ है.... लश्कर-ए-तैयबा के द्वारा ही 2008 में मुंबई पर हमले किए गए थे.

✍️ 1999 में पाकिस्तानी आतंकवादियों के द्वारा भारतीय यात्री विमान का अपहरण कर इसे एक हथियार के रूप में प्रयोग किया गया था... अब ड्रोन के द्वारा हमला... आतंकवादियों के कुत्सित प्रयास का एक नवीनतम रूप है.

जब किसी राज्य के द्वारा ऐसे आतंकवादी समूहों को संरक्षण दिया जाता है तो निश्चित रूप से इन पर नियंत्रण रखना और कठिन हो जाता है. भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद और तनाव का एक प्रमुख मुद्दा आतंकवाद भी है और आतंकवादियों का संरक्षण भी.

वास्तव में इस तरह के आतंकवाद किसी एक देश की समस्या नहीं है बल्कि यह पूरे विश्व की समस्या है... अतः भारत की पहल को स्वीकार करते हुए विश्व समुदाय के द्वारा न सिर्फ आतंकवादी समूहों को बल्कि आतंकवाद को संरक्षण देने वाले देशों को भी दंडित करने के लिए पर्याप्त समझौते और कानूनी प्रावधान किए जाने चाहिए.

🌹 प्रारंभिक परीक्षा
के लिए प्रश्न 🌹

1) ड्रोन का प्रयोग कर निम्न घटनाएं कब हुई?

A) सीरिया मैं विद्रोहियों के द्वारा रूसी सैन्य ठिकानों पर हमला

B) सऊदी अरब के तेल प्रतिष्ठानों पर हमला

C) वेनेजुएला के राष्ट्रपति पर हमला

2) निम्न घटनायें कब घटित हुई?

A) कंधार विमान अपहरण

B) भारतीय संसद पर हमला

C) मुंबई पर आतंकवादी हमला

D) जम्मू एयर बेस पर ड्रोन हमला

🌹🌹 मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न🌹🌹

1) भारत के जम्मू सैन्य एयरवेस पर... हाल ही में आतंकवादियों के द्वारा ड्रोन के माध्यम से हमला किया गया था. आतंकवाद का यह स्वरूप कुछ वर्षों पूर्व से ही विकसित हुआ है.
आतंकवाद के नए स्वरूप से संघर्ष करने के लिए भारत सहित विश्व समुदाय को किस तरह से कार्य करना होगा??? तर्क सहित उत्तर दें.

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