Multi dimensional poverty index 2023 बहुआयामी निर्धनता सूचकांक 2023
🌹RENESHA IAS🌹
ARTICLES BY RAVI सर
(DIRECTOR RENESHA IAS)
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MPI ( multi dimensional poverty index 2023)
RENESHA IAS
🇮🇳राष्ट्रीय बहुआयामी निर्धनता सूचकांक रिपोर्ट 2023🇮🇳
2019-21 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण NFHS रिपोर्ट के आधार पर बहुआयामी निर्धनता सूचकांक 2023 जारी किया गया है.
🇮🇳 कौन जारी करता है? 🇮🇳
यह सूचकांक नीति आयोग के द्वारा जारी किया जाता है.
इससे पहले मात्र एक बार बहुआयामी निर्धनता सूचकांक नीति आयोग के द्वारा जारी किए गए हैं.
🇮🇳 रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु🇮🇳
1) रिपोर्ट के अनुसार 2015-16 और 2019-21 के बीच भारत के लगभग 13.5 करोड लोग निर्धनता से बाहर निकले.
2) ग्रामीण क्षेत्रों में मल्टी डाइमेंशनल पॉवर्टी 32.5% से घटकर 19.3% रह गई है.
3) शहरी क्षेत्र में मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी 8.5% से घटकर 5.3% रह गई है.
🇮🇳राज्य🇮🇳
1) गरीबी में सर्वाधिक कमी करने वाले राज्यों में शामिल हैं
a) बिहार... 52% से घटकर 34% के स्तर पर
b) झारखंड 42% से घटकर 29% के स्तर पर
c) इसके अलावा मेघालय और उत्तर प्रदेश में भी गरीबों के स्तर में उल्लेखनीय कमी करने में सफलता प्राप्त की है.
2) अगर गरीबी में कमी के वास्तविक संख्या पर विचार किया जाए तो उत्तर प्रदेश इस मामले में सर्वोच्च स्थान पर है.
यहां पर लगभग 3.50 करोड लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकलने में मदद मिली है.
🇮🇳मानक🇮🇳
1) इसके अंतर्गत सबसे पहले तीन समान महत्व वाले आयाम लिए जाते हैं. जिसमें शामिल है...
a) स्वास्थ्य
b) शिक्षा और
c) जीवन स्तर
2) पुनः इन तीन आयामी के अंतर्गत कुल 12 संकेतक लिए गए हैं जिसमें शामिल हैं
👉🏻 पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, मातृ स्वास्थ्य
👉🏻 स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति
👉🏻 खाना बनाने हेतु ईंधन, पेयजल, विद्युत, आवास,स्वच्छता, संपत्ति और बैंक खाते ( वित्तीय समावेशन हेतु)
🇮🇳 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुआयामी निर्धनता सूचकांक🇮🇳
भारत का बहुआयामी निर्धनता सूचकांक वास्तव में अंतरराष्ट्रीय बहुआयामी निर्धनता सूचकांक से प्रेरित है.
👉🏻 यह निर्धनता सूचकांक
1) संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nations Development Programme- UNDP)
2) और ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (Oxford Poverty and Human Development Initiative- OPHI)
के द्वारा संयुक्त रूप से वर्ष 2010 से जारी किए जा रहे हैं.
2023 में अंतरराष्ट्रीय बहुआयामी निर्धनता सूचकांक भी जारी किए गए हैं.
इसके प्रमुख बिंदु हैं
A) विश्व में अभी भी 110 करोड लोग गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं.
b) विश्व के सर्वाधिक दो गरीब क्षेत्र हैं....
1) अफ्रीकी उप सहारा क्षेत्र.... 534 मिलियन
2) दक्षिण एशिया क्षेत्र........... 389 मिलियन
लोग गरीबी रेखा के नीचे जी रहे हैं.
🇮🇳 भारत और बहुआयामी निर्धनता रिपोर्ट🇮🇳
दक्षिण एशिया के 389 मिलियन लोगों में से भारत में 230 मिलियन लोगों का निवास है.लेकिन भारत ने अपने मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स के सूचकांक को पिछले 15 वर्षों में लगभग आधा कर लिया है जो निश्चित रूप से उत्साह जनक है.
👉🏻 2004-05 में भारत में बहुआयामी निर्धनता 44% थी जो 2019-21 के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार मात्र 12% रह गए हैं.
(मानव विकास सूचकांक.. में भारत की रैंक 2023 के रिपोर्ट में 132 रही है.नेपाल और पाकिस्तान को छोड़कर अन्य पड़ोसी देशों से भारत के स्थिति खराब है... वास्तव में बहुआयामी गरीबी के कारण भी इस रैंक पर बुरा प्रभाव पड़ता है)
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी किए जाने वाले बहुआयामी निर्धनता सूचकांक के तीन आयाम और 10 संकेतक होते हैं.
🇮🇳निष्कर्ष🇮🇳
भारत सरकार के सकारात्मक प्रयास के कारण गरीबी में निरंतर कमी आ रहे हैं. भारतीयों के क्रय शक्ति बढ़ रहे हैं. लेकिन अभी भी ग्रामीण क्षेत्र के लिए बहुत कुछ करना शेष है जिसके लिए सरकार को प्रयासरत रहना होगा.
Thanks
Ravi Kumar
Director RENESHA IAS
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