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Showing posts from September, 2024

JPSC MAINS PAPER III PIL PUBLIC INTEREST LITIGATION ( जनहित याचिका JPSC)

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🌹RENESHA IAS🌹  An ARTICLE BY RAVI SIR  (DIRECTOR RENESHA IAS)  9661163344...  IAS JPSC 🇮🇳🇮🇳PIL.. जनहित याचिका🇮🇳🇮🇳 BY RAVI SIR JPSC MAINS 14th JPSC foundaion batch 9661163344 🌹 HISTORY 🌹  सबसे पहले न्यायमूर्ति कृष्णा अय्यर ने 1976 में जनहित याचिका पर विचार व्यक्त किया था.         लेकिन 👉🏻 हुसैन आरा खातून बनाम बिहार राज्य 1979  के मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी एन भगवती की अदालत में 1979 में अधिवक्ता कपिला हिंगोरानी के द्वारा पटना के जेल में बंद 40000 अंडर ट्रायल कैदियों के संदर्भ में याचिका दायर की गई थी.              वास्तव में यह कपिला हिंगोरानी का पर्सनल मैटर नहीं था. फिर भी सुप्रीम कोर्ट ने एक्सेप्ट किया था. इस केस को PIL के रूप में वर्गीकृत किया गया.      इस मामले के बाद ही P N भगवती के द्वारा PIL  (Public Interest Litigation) कांसेप्ट को भारत में लॉन्च किया गया. इस कारण अधिवक्ता Kapila Hingorani को " MOTHER OF PILS " भी कहा जाता है.  इस प्रकार सामाजिक न्याय जवाबदेही,  🇮🇳 विकास 🇮🇳 1) S P GUPTA Vs INDIA UNION 1982 के मामले में न्यायमूर्त

JPSC MAINS लोकसभा के 750 seats पर होंगे चुनाव 2029 में

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🌹 RENESHA IAS🌹   An ARTICLE BY RAVI SIR  (DIRECTOR RENESHA IAS)  9661163344... IAS, JPSC  14th JPSC foundation batch 9661163344 ( अभी पुराने शुल्क पर एडमिशन हो रहे हैं.. 11th JPSC फाउंडेशन कोर्स के शुल्क पर )  कोरोना के कारण वर्ष 2021 में जनगणना नहीं हो पाई. अब केंद्र सरकार के द्वारा इसे 2027 में कराने का प्लान है.  भारतीय जनगणना अब 2027 से पहले संभव नहीं होंगे. भारतीय जनगणना delay होने के कारण क्या-क्या समस्याएं आ रहे हैं? जनगणना करने में लेट क्यों हुई? 👉 सरकारी योजनाओं का बेहतर तरीके से निर्माण और क्रियान्वयन नहीं 👉 जनगणना के डाटा नहीं होने के कारण उद्योग जगत को कई तरीके के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है 👉 जनगणना के डाटा नहीं आने के कारण परिसीमन का कार्य रुका हुआ है. परिसीमन के अभाव में महिला आरक्षण विधेयक भी लागू नहीं हो पाएगा. 👉 भारत के वास्तविक जनसंख्या की जानकारी नहीं मिल पा रही है इसके अलावा वर्तमान में भारत के शिक्षा, सेक्स रेशो, एवं अन्य महत्वपूर्ण आंकड़े प्राप्त नहीं हो पा रहे हैं. 🇮🇳 2027 में ही जनगणना कराने का निर्णय क्यों लिया गया?🇮🇳   भारत सहित सभी राज्यों की

ELECTRIC VEHICLE POLICY JHARKHAND JPSC

🌹 RENESHA IAS🌹  ARTICLES BY RAVI SIR  (DIRECTOR RENESHA IAS)  9661163344... IAS JPSC 🇮🇳 Electrical vehicle पालिसी  2022 JHARKHAND 🇮🇳 19 अक्टूबर, 2022 को झारखंड में उद्योग विभाग ने झारखंड इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति, 2022 को अधिसूचना जारी की 🇮🇳 मुख्य बिंदु🇮🇳 इसके तहत राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर अनुदान की भी घोषणा की है। 👉🏻 नई इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर 1.50 लाख रुपये, इलेक्ट्रिक स्कूटी या दोपहिया वाहन खरीदने पर 10,000 रुपये, ऑटो खरीदने पर 30,000 रुपये और ई-बस खरीदने पर 20 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा. 👉🏻 ईवी नीति, 2022 के तहत रोड टैक्स में छूट का भी प्रावधान है । राज्य के अंदर उत्पादन करने वाले उद्योगों में से आईवीवाई के पहले 10 हजार खरीदारों को 100 प्रतिशत, 10 से 15 हजार खरीदारों को 75 प्रतिशत और उसके बाद 25% की छूट दी जाएगी. राज्य सरकार ने कहा कि इस नीति को लागू करने का उद्देश्य 👉🏻 झारखंड को इलेक्ट्रिक वाहन का हब और 👉🏻 पूर्वी भारत में झारखंड को इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण इकाई का सबसे पसंदीदा राज्य बनाना है इस नीति के तहत 👉🏻 झारखंड की 2027 तक एडव

14TH JPSC PRE & MAINS भारत में अंग्रेजी काल में आर्थिक नीति ECONOMIC POLICY OF BRITISH INDIA

🌹RENESHA IAS🌹   ARTICLES BY RAVI SIR (DIRECTOR RENESHA IAS)  9661163344... 14th JPSC FOUNDATION BATCH  👉 स्टार्ट हो चुके हैं Join paid batch  9661163344 🌹 भारत में अंग्रेजी काल में आर्थिक नीति🌹 PART 01 MORDERN HISTORY By Ravi Sir DIRECTOR  RENESHA IAS 9661163344 रजनीपाम दत्त मार्क्सवादी विचारधारा के इतिहासकार हैं उन्होंने अपनी पुस्तक इंडिया टुडे मेंअंग्रेजों द्वारा भारत के आर्थिक शोषण के तीन स्पष्ट चरणों के बारे में बताया है. 1 ) वाणिज्यवाद का काल 1757 से 1813 2) स्वतंत्र व्यापारिक पूंजीवाद का काल 1813 से 1858 3) वित्त पूंजीवाद का काल 1858 के बाद      पहले इन तीनों कालों के बारे में संक्षेप में जान लेते हैं....   पहले वाले चरण में ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत में एकाधिकार था. इस काल में धन का निकास हुआ.  इसके बाद स्वतंत्र व्यापारिक पूंजीवाद के काल में कंपनी का शासन तो बना रहा लेकिन कंपनी के एकाधिकार समाप्त हुए. ईस्ट इंडिया कंपनी के अलावा अन्य कंपनियों का भी भारत में आगमन हुआ और भारत का शोषण अधिक बढ़ा.  वित्त पूंजीवाद के काल में भारत में रेलवे बैंकिंग और उद्योगों की स्थापना होने लगे. इ