DONALD TRUMP NEW PRESIDENT USA INDIA USA RELATION डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति के रूप में शपथ 47th राष्ट्रपति, भारत के साथ संबंध
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा कुल 78 फैसला लिया गया है. जिसमें
* अमेरिकियों के जन्म के आधार पर नागरिकता के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है उसकी जगह यह जरूरी होगा की माता या पिता में कोई अमेरिकी नागरिक हो. इससे करीब 10 लाख भारतीय प्रभावित होंगे. इसमें 2 लाख से अधिक ऐसे भारतीय शामिल है जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं
* अमेरिका WHO से होने का फैसला लिया है और पेरिस जलवायु समझौते से भी बाहर हो गया है.
( इसके कारण गरीब और पिछड़े देशों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के समर्थकों को निराशा होगी)
* यूक्रेन सहित कई देशों के आर्थिक मदद को रोक दिए गए हैं.
(रूस और उक्रेन युद्ध समाप्त होने की संभावना )
* डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति नहीं बनने के कारण पिछले चुनाव के बाद कैपिटल हिल पर हमले के सैकड़ो आरोपियों को सामूहिक माफी दे दी गई.
* शरणार्थियों के पुनर्वास योजना को 4 महीने के लिए रोक दिया गया है
* अमेरिकी सीमाओं को सील करने का निर्णय लिया गया है
* इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा
इसके अलावा
* कनाडा और मेक्सिको पर 1 फरवरी से 25% टैरिफ लगाने के धमकी दी गई है.
* BRICS देश को भी चेतावनी दी गई है कि अमेरिका को कमजोर करने की कोशिशें से बचें अन्यथा उन पर भी 100% टेरिफ लगा दिया जाएगा.
* QUAD को मजबूत बनाने के पक्ष में नए अमेरिकी राष्ट्रपति हैं.
कुल मिलाकर अमेरिकी फर्स्ट नीति को डोनाल्ड ट्रंप आगे ले जाने वाले हैं.
इसको ध्यान में रखते हुए डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की जाने वाली कई मदद को भी सीमित किया जाएगा.
👉 वर्तमान में अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं सहित संयुक्त राष्ट्र के कुल खर्च का 25% अमेरिका के द्वारा खर्च किया जाता है इसमें भी कमी की जाएगी
👉 यूक्रेन को पिछले 4 वर्षों 40 अरब डॉलर की सहायता दी गई है और इसराइल को 14 अरब डॉलर के साथ
🇮🇳 भारत और अमेरिका🇮🇳
भारत और अमेरिका के रिश्ते को व्यापार और निवेश दोनों मोर्चे पर दबाव का सामना करना पड़ सकता है.
* भारत ने स्पष्ट किया है कि भारत का मेक इन इंडिया और अमेरिका का मेक इन अमेरिका एक दूसरे के विरोधी नहीं बल्कि पूरक हैं.
* अमेरिका के द्वारा क्रिप्टो करेंसी जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, अप्रवासन के मुद्दों पर लिए गए फैसले से भी दोनों देशों के बीच के रिश्ते प्रभावित होंगे.
* चीन के प्रति ट्रंप के मन में भय भी अमेरिका और भारत को करीब लाने में कारगर सिद्ध हो सकते हैं. शपथ ग्रहण के ठीक बाद क्वॉड के विदेश मंत्रियों की बैठक का आयोजन वंशिगटन डीसी में होना चीन को एक सख्त संदेश है.
* अमेरिका के द्वारा चीन पर आर्थिक निर्भरता को कम करने का प्रयास किया जाएगा जिसका लाभ अंततः भारत को होगा.
जहां तक का अवैध प्रवसन की बात है तो इसका समर्थन भारत भी नहीं करता है लेकिन भारत के प्रोफेशनल्स को अधिक से अधिक अवसर अमेरिका में मिले भारत देश का प्रयास करता रहेगा और यह अमेरिका के लिए भी आवश्यक है कि भारतीय प्रोफेशनल वहां पर वर्क करें.
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