वैदिक काल... वैदिक साहित्य FOR IAS PCS
🌹RENESHA IAS🌹 BY..... ✍️ RAVI KUMAR.. . (IAS JPSC UPPSC INTERVIEW FACED) 🌹🌹🌹 वैदिक काल 🌹🌹🌹 🌹 FOR IAS BPSC JPSC SSC PRELIMS EXAM 🌹 ताम्र पाषाण काल का अस्तित्व ना सिर्फ सिंधु घाटी सभ्यता के पूर्व रहा बल्कि सिंधु घाटी सभ्यता के बाद भी रहा...... हम लोग ताम्र पाषाण काल का अध्ययन कर चुके हैं..... इसलिए आप वैदिक काल का अध्ययन किया जाएगा.... वैदिक काल के बारे में जानकारी मुख्य रूप से वेदों से प्राप्त होती है इसलिए सब वैदिक काल कहा जाता है.....चुंकि वैदिक काल आर्यों द्वारा प्रवर्तित था इसलिए इस काल को आदित्य पिता भी कहा जाता है. वैदिक काल को कुल दो भागों में बांटा जाता है.. 1) ऋग वैदिक काल( 1500 BC-1000BC) ... इस काल में कृषि की जगह पशुपालन को अधिक महत्व प्राप्त था. 2) उत्तर वैदिक काल (1000BC-600BC).... इस काल में कृषि को अधिक महत्व प्राप्त हुआ पशुपालन को दूसरे स्थान पर रखा गया. वैदिक काल के अंतर्गत हम लोग निम्न तत्वों का अध्ययन करते हैं... 1) वैदिक साहित्य 2) ऋगवैदिक काल अलग-अलग स्थितियां 3) उत्तर वैदिक काल की अलग-अलग स्थितियां 🌹 वैदिक साहित्य 🌹 वैदिक साहित्य